मौत का मौसम!!! on May 05, 2021 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps ना इन हवाओं में ज़हर घुलता था ना ही शमशानों पर लाशों का मेला लगता था, कुछ गलतियाँ जरूर की है इन सत्ता के आक़ाओं ने वरना वतन मेरा आज भी आबाद रहता था।-सौरव महाजनContact : 8378862867 Comments
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