क़त्ल...!!!

Shamil hai tera bhi ek war katla me mere
Yuhi maine muskurakar dam nhi toda tha
Janta hu tadap dekhi na gayi meri
rihai ke liye hi tune khanjar mere sine me utara tha..!!!



शामिल हैं तेरा भी एक वार कत्ल में मेरे
यूँही मैंने मुस्कुराकर दम नहीं तोड़ा था।
जानता हूँ तड़प देखी न गयी थी मेरी
रिहाई के लिये ही तुनें खंजर मेरे सीने में उतारा था...!!!

-सौरव महाजन
-saurav mahajan
Contact: 8378862867

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