हम आज भी वहीं है...!!!

वहीं है...!
मौसम भी वही है वहीं है हवाये
इन ख्वाबों से मेरी वही है खताये*

वही है बरसती हुई आसमाँ से
वही है तरसती हुई इस जहाँ से
वही है जो दूर पर दिल में बसी है
वहीं है राज सारें वही तिश्नगी* है
ख़फ़ा है वो मुझसें पर हर दुआ वहीं है
वहीं चोट पुरानी पर आजतक जवां है।

वहीं है दर्द मेरा शिफ़ा* भी वही है
वहीं है कहानी हर किस्सा वही है
वहीं है बिखरें हम हर हिस्सा वही है
वही है तेरे-मेरे दरमियाँ* किनारे खड़ी भी वहीं है
लगी है दिल में मेरे आग जो उसमें भी सुलघती* वहीं है 
लोग कहते हम उलझें है उसमें
हम में हम कहाँ है हम में भी वहीं है।

{Vocabulary:
खताये: नाराजगी
तिश्नगी :  प्यास
शिफ़ा : दवाई
दरमियाँ : बीच मे
सुलघती : जलना}

-saurav mahajan
Contact:8378862867

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