आसमान का राजकुँवर वो खेल अपने दिखाये
कभी आधा कभी पूरा कभी मौन मौन मुस्काये
इस दुनियां की एक राज कुमारी है सपनें उसके सजाये
एक झलक पाने को वो छत तक दौड़ी दौड़ी जाए
मधुर मधुर सी धवल है काया
मन शीतल शीतल हो जाए...
नूर बरसता उसके चेहरे से
सागर का मोती शरमाए....
साथ साथ होती है उसके
उसकी सखिया प्यारी हज़ार...
उसे देख मुस्काये ये सारा संसार
दिल बेचारी राजदुलारी का उस पे निसार...
राह देखे उसकी ये हर मौसम हर शाम....
वो करे है मन की मनमानी हाये
न उसका ठैर ठिकाना....
आता है रात को मिलने कहती
है ख़्वाबों का सब फसाना...
नींदे उड़ गई है इसकी
जबसे इसनें होश संभाला...
बातें रात रात भर करता है इससे
कहती है उसे दीवाना...
राजकुमारी तड़पती बहोत
ये हम से न देखा जाये...
दिल करता है अभी जाकर
उसे गले लगाये...
बात ये दिल की है मेरे
कोई जाकर उसे समझाये....
वो दूर दूर हम पास पास
कभी नजरे इधर झुकाये....
-saurav mahajan
Contact -8378862867
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