क्या कहा तुम्हारे लिए ग़ज़ल लिखूं
बस इतना बताओ क्या सच लिखूं।।
उन शरमाई आखों की अदा लिखूं
या अधूरा तुम्हारा हर वादा लिखूं।।
मीठी मासूम सी बाते लिखूं
या रो कर गुजरी मेरी राते लिखूं।।
हां तुम्हीं ने किए वो इशारे लिखूं
या फिर छुपे हुए इरादे लिखूं।।
मेरी चाहत में हुआ सब फसाना लिखूं
या तुम्हारा मशहूर बहाना लिखूं।।
यूं बदल गया लहजा तुम्हारा लिखूं
या था है रहेगा यही नज़ारा लिखूं।।
बेजुर्म को में अब क्या सजा लिखूं
या बक्श दो हमे ये रजा लिखूं ।।
बस इतना बताओ क्या सच लिखूं।।
-kashif (Saurav Mahajan)
8378862867
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